स्वतन्त्र संवाददाता : रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया
भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत पुलिस बल की
नियमावली के अंतर्गत पुलिस को अपराध रोकने, पता लगाने, दर्ज करने और
जांच-पड़ताल करने तथा अपराधियों के विरुद्ध अभियोजन चलाने की मुख्य जिम्मेदारी है।
आज
भी हमारे ऐसे पुलिस अधिकारी है जो देश के कानून का सम्मान
करते हैं व देशप्रेम को अपने हितों से सर्वोपरि रखते हैं। जब किसी क्षेत्र का थाना
प्रभारी अपने क्षेत्र में जनता के भले के लिए ईमानदारी से कार्य करें तो वहां की
जनता भगवान के बाद पुलिस का नाम ही लेती है जबकि कहावत ये है कि भगवान या ईश्वर के
बाद पहले डाक्टरों का नाम आता है परन्तु जहाँ पर लोगो को पुलिस पर अत्यधिक विश्वास
है वो लोग कहते है कि डाक्टर तो केवल उनके शरीर का ईलाज कर सकता है लेकिन पुलिस
शारीरिक, आर्थिक और मानसिक तीनों समस्याओं का इलाज करती है। जबकि माफिया तंत्र
परेशान होकर थाना प्रभारी के खिलाफ साजिश करते है ऐसा देखा गया है l
रोहिणी विधान सभा के विजय विहार पुलिस स्टेशन से कुछ दिनों पहले
थाने के एसएचओ दिनेश कुमार रैगर को रेखा उर्फ तानू को खुदकुशी के लिए उकसाने के लिए गिरफ्तार किया
गया था। किसी पुलिस अधिकारी का नाम किसी महिला की मौत से जुड़ जाये तो पूरा
शहर मोमबत्ती लेकर उसके विरोध में उमड़ा पड़ता है, प्रदर्शन और नारे लगते है —लेकिन यहां ये महिलाएं उस महिला की बजाये SHO के
पक्ष में खड़ी है और इसके अलावा क्षेत्र के आरडब्लूए सदस्य, सामाजिक कार्यकर्त्ताओं, आरटीआई एक्टिवीस्ट इत्यादि ने
एसएचओ दिनेश कुमार की गिरफ्तारी के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में
अवंतिका व्यापार मंडल के सदस्य, अवंतिका आरडब्लूए, बुध विहार आरडब्लूए, अवन्तिका राम लखन समिति,
विजय विहार व्यापार मंडल, बुध विहार व्यापार
मंडल, सेक्टर पांच रोहिणी आरडब्लूए आदि संस्थाएं शामिल थीं।
घटना शुक्रवार 29 अप्रैल की है जब सब्ज़ी मंडी थाना पुलिस को सुचना
मिली एक महिला तीस हजारी कोर्ट परिसर के गेट नम्बर 1A के बाहर बेहोश हुई है। तभी तुरंत मौके पर पुलिस पहुंची और उस महिला को अरुणा
आसिफ अली अस्प्ताल ले जाया गया जहां पर उसे कुछ देर बाद मृत घोषित कर दिया गया। मृतका की पहचान शर्मा कॉलोनी फेस टू बु़द्ध विहार सुलतान
पुरी सी ब्लॉक निवासी 25 साल की रेखा उर्फ तानू के तौर पर हुई. रेखा नाम की इस महिला के पास से
आधार
कार्ड की फोटो कॉपी,
138 रुपये,
दो फोटो और तीन
सल्फास की गोलियां मिलीं इसके अलावा एक 5 पन्नों का सुसाइड नोट मिला था जिसमें लिखा था कि विजय विहार थाने का एस एच ओ
दिनेश कुमार उसे कई दिनों से परेशान कर रहा है जिसकी वजह से मैं जहर खाकर सुसाइड
कर रही हूँ। पुलिस ने सभी सामान को सील कर दिया। उसके बाद क्राइम टीम ने
घटनास्थल की जांच की। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस के आला
अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें मामला दर्ज करने पर विचार किया गया। फिर
सब्जी मंडी थाने में थाना प्रभारी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। पुलिस के मुताबिक देर रात थाना प्रभारी दिनेश कुमार को सब्जी मंडी थाने
में बुलाया गया और पूछताछ करने के बाद के बाद आला अधिकारीयों के आदेश पर गिरफ्तार
कर लिया गया।
सुबह इस बात की खबर जैसे ही लोगो को लगी खबर इलाके में आग की तरह फेल गयी…..किसी को भी यकीन ही नहीं हो रहा था की एक सुसाइड नॉट के आधार पर SHO को इतनी जल्दी गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि जिस महिला ने सुसाइड किया है वो इलाके के BC राम निवास की रखेल थी और इस तरह के झूटे आरोप में पहले भी कई बार कई लोगो को फसा चुकी है और अबकी बार भी SHO को झूठे आरोप में फ़साने के लिए सुसाइड की सोची समझी साजिश रची गई थी पर ओवर डोज होने के कारन रेखा की मौत हो गयी विजय विहार थाना क्षेत्र के लोग भी SHO के समर्थन में उन तमाम थानों के लोग भी उतर आएं है जहाँ जहाँ दिनेश कुमार की पोस्टिंग रही है --इसमें भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल है --इन लोगों ने ऐसे ऐसे सवाल उठाएं है जो दिल्ली पुलिस और बदमाश के बीच साजिश की इशारा कर रहे है --इन लोगों ने इस मामले की निषस्पक्ष जांच की मांग की है और कहा कि दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी ऐसे ही ईमानदार इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्यवाही करते रहे तो कोई भी SHO ईमानदारी से काम नहीं करेगा और दिल्ली में बदमाशों का राज होगा l
SHO दिनेश कुमार को गिरफ्तारी के बाद शाम को
तीसहजारी कोर्ट में पेश किया गया जहाँ कोर्ट ने SHO दिनेश
कुमार को दो दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया SHO के
वकील सत्य नारायण ने कोर्ट को बताया कि मृतक महिला एक
ब्लेक मेलर थी इसने पहले भी कई लोगो के खिलाफ कई FIR अलग अलग थानों में दर्ज
कराइ है, और उनसे सेटल मेंट करती थी और उसी के तहत SHO साहब को
फसाया जा रहा है l
(2005 में भी इस युवती ने
जहर खाकर रामनिवास के कहने पर उसके विरोधियो को फ़साया था, FIR NO 934/05, थाना सुल्तान
पूरी। इसके बाद इसने 2006 में अपने
दुश्मनों पर रेप का झूठा केस दर्ज करवाया जिसकी FIR NO 502/06 रोहिणी थाना, एक
मामला FIR नम्बर 147/13 विजय विहार थाना में
भी दर्ज है l)
तीसहजारी कोर्ट में SHO साहब के समर्थन
में कई महिलाए भी पहुँची और उनका आरोप है की इलाके के ज्वॉइंट सीपी वीरेंदर चहल
किसी पर्सनल इंटेंशन को निकालने के लिए SHO के खिलाफ झूठी
कार्यवाही कर रहे है यहाँ तक की कोर्ट में एक महिला ने यह कहकर सबको चौका दिया की
में भी अब ज्वाइंट सीपी का सुसाइड नॉट में नाम लिखकर सुसाइड कर रही हूँ देखती हूँ
अब पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती है की नहीं l
रितुनिवास (रामनिवास की पत्नी) ने खुलासा करते हुए बताया की
रेखा रामनिवास की दूसरी पत्नी की तरह रहती थी जिसके चलते मेरा पति मेरे साथ मारपीट
करता था, और रामनिवास पर तकरीबन 12 अपराधिक मामले है जिसमे 3 मामले मर्डर के भी हैं । रामनिवास रेखा को पुलिस पर दवाव डालने और अपने विरोधी
लोगो के खिलाफ झूठे मामलों में फ़साने के लिए इस्तेमाल करता था । इस बार भी SHO
द्वारा इस अपराधी के अपराधों
पर लगाम लगाने की कोशिश की गई तो इसमें शातिर खेल खेला और रेखा को बरगला कर तीस
हज़ारी कोर्ट के बाहर सुसाइड का खेल खेला ।
06 मई को जेल में बन्द विजय विहार थाने के बर्खास्त SHO दिनेश
कुमार की जमानत याचिका पर अदालत शनिवार को आदेश सुनायेगी l एडिशनल सेशन जज राजीव
मेहरा ने शुक्रवार को याचिका पर दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद अपना फैसला 7 मई तक के
लिए सुरक्षित रख लिया l
07 मई शनिवार को एक महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले
में गिरफ्तार पूर्व एसएचओ दिनेश कुमार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने जमानत दे
दी है। अदालत ने आरोपी एसएचओ को पचास हजार रुपए के मुचलके व एक जमानती लाने की
शर्त पर जमानत दी है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजीव मेहरा ने आरोपी एसएचओ को जमानत देते हुए कहा कि तमाम तथ्यों को देखने के बाद बचाव पक्ष की उस दलील को पूरी तरह नहीं नकारा जा सकता है कि आरोपी दिनेश को इस मामले में फंसाया गया है। ऐसे में यह उचित रहेगा कि आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया जाए।
अदालत ने कहा कि सुसाइड नोट में प्रताडऩा की बात कही गई है। परंतु पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शारीरिक तौर पर प्रताडि़त करने का कोई मामला सामने नहीं आया है। वहीं मृतका को 20-21 अप्रैल की रात थाने में जांच के लिए बुलाया गया था। जबकि उसने सुसाइड उसके आठ दिन बाद किया है। पुलिस की तरफ से दायर रिपोर्ट में सामने आया है कि मृतका ने पूर्व में एक मामले में जब शिकायत की थी तो उसने अपनी भाभी से शिकायत लिखवाई थी और उसने कहा था कि उसे पढऩा नहीं आता है।
वहीं मृतका रेखा के कहने पर पहले भी कई मामले दर्ज हो चुके हैं। वहीं मृतका ने वर्ष 2006 में राम निवास के साथ मिलकर रोहिणी थाने में दुष्कर्म का झूठा केस दर्ज करवाया था। इस बात को भी पूरी तरह नहीं नकारा जा सकता है कि जब तीस हजारी कोर्ट के पास रेखा ने आत्महत्या की, उस समय राम निवास वहां पर नहीं था। इसलिए तमाम तथ्यों को देखते हुए आरोपी जमानत का हकदार है। परमानन्द कांसोटिया ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद में जेल में बन्द विजय विहार थाने के बर्खास्त SHO दिनेश कुमार रैगर को 50,000/-रूपये के मुच्चलके और एक जमानती पर जेल से रिहा किये गए l
वर्ष
|
अंक
|
दिनांक
|
पृष्ठ
|
1
|
18
|
16-31 मई 2016
|
1-4
|
No comments:
Post a Comment