अधिमान्यता केवल उन पत्रकारों के लिए है जो सरकारी दामाद बनना चाहते है , बाकि ईमानदारी से पत्रकारिता करने के लिए आपको कही पंजीयन या अनुमति की जरुरत नहीं है | आप जिस प्रिंट मिडिया तंत्र से जुड़े है उसके लिए ही आर एन आई पंजीयन जरुरी है | यदि इलेक्ट्रानिक मिडिया से जुड़े हैं तो केवल आईडी कार्ड होने से नहीं बल्कि यह भी जांच लीजिये की उनका लायसेंस वैध है या नहीं | पुलिस विभाग इस गलत फहमी में है कि पत्रकारिता के लिए लायसेंस जन सम्पर्क जारी करती है \ आश्चर्य्य है कि बस्तर आई जी जैसे पद में बैठा व्यक्ति इतनी मुर्खता पूर्ण बात कर सकता है कि कौन पत्रकार हैं और कौन पत्रकार नहीं इसका निर्णय जनसंपर्क विभाग करता है | जन सम्पर्क के पास केवल जिला मुख्यालय के ही पत्रकारों की सूचि रहती है और यह सूची केवल सरकारी कार्यक्रम को जनता तक पहुँचाने के लिए होती है | इन्हें इस बात के लिए इन पत्रकारों की चिरौरी करने के लिए बाकायदा बजट भी मिलता है , जिससे पत्रकरों को पटाया जा सके | कुल मिलकर जनसंपर्क विभाग सरकार का मिडिया मैनेजमेंट होता है | मेरे पास सूचना का अधिकार से प्राप्त किया गया दस्तावेज है , जिसमे स्पष्ट है कि कोई पत्रकार है या नहीं यह तय करने की एजेंसी जनसम्पर्क विभाग नही है |साथ ही यह भी कि कोई दुसरा भी ऐसा कोई सरकारी एजेंसी नहीं है जो यह तय करे कि प्त्रस्कार कौन हो सकता है | यह तो विधिवत निकल चल रहे मिडिया संस्थान का नियुक्ति पत्र और आईकार्ड ही तय करता है |
साथ ही अधिमान्यता की स्थिति यह है की यह फिल्ड से दूर बुजुर्ग हो चुके वरिष्ठ पत्रकारों , राजधानी के टेबल रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों , अख़बार मालिकों , दैनिक अख़बारों के संपादकों और नेताओं की सूची बनकर रह गयी है | किन्तु आदरणीय वरिष्ठ साथियों को किसी भी प्रकार की सुविधा पाने का पूरा हक़ है । प्रदेश के कुल १५१ राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त पत्रकारों में १0७ रायपुर में बसते है | इन्ही की समिति है , इस गैंग ने यंहा ऐसी घेराबंदी कर रखी है की किसी मेहनतकश पत्रकार को बिना सिफारिश या किसी संघ के पदाधिकारी बने यहाँ घुसने नहीं दिया जाता | बस्तर जिसके समाचार के भरोसे देश भर की मिडिया जिन्दा है , हजारों सेठों की रोजी-रोटी चल रही है ---- वहां से दहाई की संख्या में भी पत्रकार अधिमान्य नहीं है | इसी बात से इस गणित को समझ लीजिये | अधिमान्यता विरोधी संघ बनाइये , उसी में शामिल रहने से ही इज्जत है | जो सच लिखना चाहतें है , सरकार किसी की भी रहे , उनका इस संघ में स्वागत है | कम से कम पुलिस को पत्रकारिता नापने या जांचने का अधिकार अभी तक तो है ही नहीं |
भारतीय संविधान के तहत प्रत्येक नागरिक को न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत अपने विचार बनाने से पहले हर प्रकार की बात जानने का और उसके प्रकट करने का अधिकार प्राप्त है | इसी अधिकार के तहत प्रत्येक नागरिक पत्रकारिता कर सकता है | कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक जनता के नौकर है , इन्हें हमारे हर प्रश्न का जवाब देना है | शासन भी अपना है , सत्ता किसी भी पार्टी की क्यों ना हो | हर घटना - दुर्घटना , अपराध और ताजा स्थिति जानने के लिए आप अपने एस पी और कलेक्टर , कंट्रोल रूम को फोन व मेल | उनकी जवाबदारी है की वे आपकी जिज्ञासा शांत करने की उचित व्यवस्था करें | इसी तरह आप नीति - नियम , सरकारी योजना की जानकारी सीधे कलेक्टर से जान सकते है | इसके लिए आप को पत्रकार का परिचय पत्र लेने या दिखाने की जरुरत नहीं है | न ही पत्रकार होने का मतलब कोई तोपचंद होता है | बिना आपकी अनुमति के कोई पत्रकार न तो फोटो ले सकता है ना ही आपका इंटरव्यू रिकार्ड कर सकता है |
भारतीय संविधान के तहत प्रत्येक नागरिक को न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत अपने विचार बनाने से पहले हर प्रकार की बात जानने का और उसके प्रकट करने का अधिकार प्राप्त है | इसी अधिकार के तहत प्रत्येक नागरिक पत्रकारिता कर सकता है | कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक जनता के नौकर है , इन्हें हमारे हर प्रश्न का जवाब देना है | शासन भी अपना है , सत्ता किसी भी पार्टी की क्यों ना हो | हर घटना - दुर्घटना , अपराध और ताजा स्थिति जानने के लिए आप अपने एस पी और कलेक्टर , कंट्रोल रूम को फोन व मेल | उनकी जवाबदारी है की वे आपकी जिज्ञासा शांत करने की उचित व्यवस्था करें | इसी तरह आप नीति - नियम , सरकारी योजना की जानकारी सीधे कलेक्टर से जान सकते है | इसके लिए आप को पत्रकार का परिचय पत्र लेने या दिखाने की जरुरत नहीं है | न ही पत्रकार होने का मतलब कोई तोपचंद होता है | बिना आपकी अनुमति के कोई पत्रकार न तो फोटो ले सकता है ना ही आपका इंटरव्यू रिकार्ड कर सकता है |
नागरिक मिडिया को मंच प्रदान करने कई संस्थाएं आज सक्रिय भूमिका निभा रही है | इनमे बीबीसी हिंदी न्यूज पोर्टल, http://www.merikhabar.com , मल्हार मिडिया www.malharmedia.comआदि के आलावा सबसे अच्छा माध्यम फेसबुक , ब्लॉग , ट्यूटर , गूगल प्लस आदि है | प्रसिद्द पत्रकार शुभ्रांशु चौधरी ने तो आपको कहीं से भी कभी भी पत्रकार बनने का ना केवल मौका दिया है बल्कि अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ भी एक मंच प्रदान किया है |आप यहाँ http://cgnetswara.org/about.html तथ्य व सबूत के साथ अपनी आवाज में समाचार रिकार्ड का सकतें है |
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