अखिल भारतीय रैगर महासभा (पंजी0) के मंत्रिमंडल में मतभेद
स्वतन्त्र संवाददाता : रघुबीर सिंह गाड़ेगांवलिया
नई दिल्ली, रैगर समाज के समाज सुधारक महापुरुषों ने बड़ी ही मेहनत और लग्न से समाज को संगठित कर अखिल भारतीय रैगर महासभा की नीव रखी थी, उनकी सोच थी कि इस संस्था के माध्यम से भविष्य में समाज एक नये इतिहास का निर्माण कर सकेगा l उन समाज सुधारक महापुरुषों के द्वारा किये गए कार्यो के ऋण से रैगर समाज कभी ऊऋण नहीं हो सकता l
लेकिन आज अखिल भारतीय रैगर महासभा (पंजी0) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.एल. नवल द्वारा नेतराम पिंगोलिया को दिल्ली प्रदेश का अध्यक्ष मनोनीत किये जाने को लेकर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय महासचिव चतर सिंह रछौया के बीच स्पष्ट तौर पर मतभेद उभर कर समाज के सामने आ गया है l राष्ट्रीय महासचिव चतर सिंह रछौया ने बताया कि महासभा के विधान की अवेहलना कर नेतराम को दिल्ली का अध्यक्ष मनोनीत किया गया जबकि विधान में ऐसा प्रावधान नहीं है, मैंने राष्ट्रीय महासचिव होने के नाते अध्यक्ष को इस अवैधानिक मनोनयन प्रक्रिया के बारे में दिनांक 27-12-2015 को पत्र लिख कर अवगत भी कराया था लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय ने मुझे कोई जवाब नहीं दिया l मैं नेतराम पिंगोलिया का विरोधी नहीं हूँ मैं तो मजबूर होकर, अखिल भारतीय रैगर महासभा (पंजी0) के विधान की अवेहलना कर दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत करने के निर्णय को न्यायलय में चुनौती दी है l मैं समाज से पूछना चाहता हूँ कि क्या अखिल भारतीय रैगर महासभा (पंजी0) के राष्ट्रीय अध्यक्ष को विधान की अवेहलना करने देता ? क्या मैंने अवैधानिक प्रक्रिया को रोककर गलत किया है ?
राष्ट्रीय महासचिव चतर सिंह रछौया ने बताया कि 10 जनवरी, 2016 के आयोजन में किये गये खर्चो को भी रैगर समाज के फण्ड का दुरूपयोग बताया और कहा सभी बिल रैगर महासभा के नाम है l इस विवादित विषय में दिल्ली प्रदेश की नव-गठित कार्यकारणी ने लिखित में खंडन कर कहा है कि समारोह के आयोजन में लगे खर्चे का वहन अखिल भारतीय रैगर महासभा, दिल्ली प्रदेश से चुने हुए पदाधिकारियों एवं दिल्ली प्रदेश की नव-गठित कार्यकारणी के सदस्यों द्वारा सामुहिक रूप से वहन किया गया है । अखिल भारतीय रैगर महासभा (पंजी0), दिल्ली प्रदेश का खजाना वर्तमान में शून्य है ।
वर्ष
|
अंक
|
दिनांक
|
पृष्ठ
|
1
|
12
|
16-29 फरवरी 2016
|
1-4
|
No comments:
Post a Comment