दिल्ली, लोकहित एक्सप्रेस, (रघुबीर सिंह गाड़ेगाँवलिया) । जातिवाद समाज में
इस कदर जकड़ता जा रहा है कि लोग शमशान में भी जातिवाद का बीज रोप रहे है। गांव
तिलोली में माली समाज के दबंगो ने दलित ओमप्रकाश रेगर नामक व्यक्ति के शव का शमशान
में अंतिम संस्कार तक नहीं करने दिया। गुस्साये रेगर समाज के पीड़ित लोगों ने शव को
बीच रोड पर रखकर विरोध जताते हुए चक्का जाम कर दिया । बाद में पुलिस प्रशासन एवं
तहसीलदार एवं SDM साहब मौके पर
पहुंचकर तुरंत प्रभाव से शमशानघाट की भूमि से अतिक्रमण हटवाकर, आसींद के C.I. राजकुमार की मौजूदगी में ओमप्रकाश के शव का अंतिम संस्कार
करवाया गया ।
घटनाक्रम की प्राप्त
जानकारी के मुताबिक मंगलवार 11 जुलाई 2017 को राजस्थान के जिला भीलवाड़ा, तहसील आसींद के गांव तिलोली निवासी दलित ओमप्रकाश रेगर नामक व्यक्ति की मौत हो
गयी। पीड़ित परिवार के
लोग शव लेकर अंतिम संस्कार करने के लिए गांव के परंपरागत श्मशान पर पहुंचे। वहां
पहले से मौजूद माली समाज के दबंगों ने जमीन पर कब्जा कर रखा था। माली समाज के इन लोगों
ने शमशानघाट में शव का अंतिम संस्कार करने से तो रोका ही साथ में जातिसूचक शब्दों
का प्रयोग करते हुए उनके साथ बदसलूकी की, लड़ाई-झगड़े पर उतर आये। जो लकड़ियाँ वहां अंतिम संस्कार करने के लिए रखी थी उन्हें उठाकर दूर फैंक दी, पीड़ित परिवार के
लोगो द्वारा बहुत मिन्नतों के बाद भी अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया। जबकि ये शमशान
घाट ग्राम पंचायत द्वारा अलाट है ।
कोई हल नहीं निकलता
देख तब पीड़ित परिवार के
गुस्साये लोगो ने शव को बीच रोड पर रखकर विरोध जताते हुए चक्का जाम कर दिया । पुलिस प्रशासन के
आने के बावजूद भी दबंग लोगों की दबंगाई चलती रही और शव का अंतिम संस्कार नहीं करने
दिया । बाद में तहसीलदार एवं SDM
साहब मौके पर पहुंचकर
तुरंत प्रभाव से शमशानघाट की भूमि से अतिक्रमण हटवाकर, आसींद के C.I. राजकुमार की मौजूदगी में ओमप्रकाश के शव का
अंतिम संस्कार करवाया गया । इस घटना को लेकर रैगर समाज में रोष व्याप्त है । तहसील
आसींद के रैगर समाज की मांग है कि मामले की जाँच कर दोषियों के खिलाफ उचित क़ानूनी
करवाई की जाय ।
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