दिल्ली, लोकहित एक्सप्रेस, (रघुबीर सिंह गाड़ेगाँवलिया) । आपदा प्रबंधन व
बचाव कार्य के विश्वस्तरीय मापदंडों के आधार पर बहु संस्था समन्वय (मल्टी ऐजेंसी
कोऑर्डिनेशन) की प्रक्रिया को अपनाकर शुक्रवार को राजधानी दिल्ली के सभी जिलो में
भूकम्प आने पर बनने वाले हालात से निपटने के लिए दिल्ली की सभी इमरजेंसी एजेंसियाँ
कितनी तैयार हैं, इसे परखने के लिए एक साथ विभिन्न 77 जगहों पर
मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के
तहत पहले से तय योजना के अनुसार सुबह करीब 10.30 बजे यह सूचना संबंधित एजेंसियों
को दी गई कि दिल्ली में 7.8
रिक्टर स्कैल क्षमता का भूकंप आया है। ।
दिल्ली में सुबह भूकम्प
की सूचना संबंधित सभी एजेंसियों को दी गई थी। जैसे ही भूकंप की सूचना
आई, बचाव व् राहत कार्यो के
लिए टीमें तुरंत प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना हो गई। दिल्ली की प्रमुख सडको पर
सायरन बजाती दिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन, फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, QRT की गाड़ियाँ दौड़ने लगीं। अगले चन्द मिनटों में
राहतकर्मी डमी के रूप में भवन के भीतर फंसे घायलों को कन्धे पर लाद कर बाहर लाते
और उन्हें राहत शिविरों में पहुँचाने में नागरिक सुरक्षा दल जुटे हुए थे विभिन्न अस्पतालो
के बाहर अफरातफरी का माहौल था। दिल्ली के लोगो को कई जगहों पर परेशानी हुई है। यह
अफरातरफी भूंकप की सूचना के बाद थी लेकिन जैसे ही लोगों को पता चला कि यह एक मॉक
ड्रिल है तब कहीं लोगों ने राहत की सांस ली।
प्राप्त जानकारी
के मुताबिक मंडलायुक्त मनीषा सैक्सेना ने बताया कि दिल्ली के स्तर पर भूंकप की स्थिति
होने पर तैयारियों को जांचने के लिए यह पहल की गई थी। इस मॉक ड्रिल के लिए
उपराज्यपाल ने आदेश जारी किए थे। यह ड्रिल दिल्ली के हर जिले में की गई थी, जिसमें आर्मी, एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस, सीआरपीएफ की टीमों ने
हिस्सा लिया। अब इस मेगा मॉक ड्रिल की रिपोर्ट को आर्मी के एक्सपर्ट द्वारा
मूल्याकंन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अगली मॉक ड्रिल अक्तूबर के आसपास होगी और
इसमें आम जनता को भी शामिल किया जाएगा।
इस मॉक ड्रिल में
बचाव व् राहत कार्यो के लिए - 143 पीसीआर इस्तेमाल की गई - 60 जेसीबी मशीनों को
पहुंचाया गया - 60 लोडर मशीन स्पॉट पर भेजी गई - 700 एमसीडी व पीडब्ल्यूडी
कर्मचारी शामिल हुए - 8000 सिविल डिफेंस के कर्मचारी शामिल हुए ।
मॉकड्रिल में
एनडीआरएफ, सेना, सीआरपीएफ, पुलिस, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, रैडक्रॉस, अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, लोक निर्माण, जन स्वास्थ्य, विद्युत, राजस्व, संचार, नगर निगम, खाद्य एवं आपूर्ति, जिला प्रशासन व अन्य ऐजेंसियों के समन्वय से
आपदा प्रबंधन के दौरान विभिन्न कार्यों को संचालित किया गया। किसी भी तरह की आपदा
के दौरान उपजी विकट परिस्थितियों से निपटने के लिए यह मॉकड्रिल प्रशिक्षण का
माध्यम बनी।
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