दिल्ली, समाजहित
एक्सप्रेस (खुशहाल चन्द बड़ोलिया) । हमारे देश को आजाद हुए 70 वर्ष होने को हैं और हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे हैं। देश
के अनेकों सर्वोच्च पदों को महिलाएं सुशोभित कर रही हैं किंतु महिलाओं पर अत्याचार
वाली कुप्रथाएं बदस्तूर जारी हैं, जैसे डायन प्रथा
। डायन प्रथा की आड़ में कई संगीन अपराधों को अंजाम देना हमारे समाज में आम बात
है। भारत के गांवों में आज भी अंधविश्वास और रूढि़वादिता का बोलबाला है। गांवों
तथा छोटे कस्बों में अभी भी तांत्रिक, ओझा, भोपा, गुनिया तथा रसूखदार लोग अपने मतलब के लिए किसी
महिला को कथित तौर पर डायन, डाकन, डकनी, टोनही आदि घोषित कर देते हैं। विडंबना यह है कि अगर किसी महिला को डायन बता
दिया जाता है तो अक्सर उसके परिवार वाले, नाते-रिश्तेदार भी सामाजिक दबाव से उसका बहिष्कार कर देते हैं।
राजस्थान के
अजमेर जिले के केकड़ी थानाक्षेत्र में डायन बताकर प्रताड़ित करने का एक मामला
सामने आया है। जहां 40 वर्षीय कन्या देवी रैगर पत्नी स्वर्गीय छितरमल रैगर निवासी
कादेड़ा को डायन बताकर जानवरों की तरह मारा-पीटा व अमानवीय दर्दनाक यातनायें देकर उसकी
नृशंस हत्या कर दी गई । हत्या कर के बाद में घटना पर पर्दा डालने के लिए आनन-फानन
में उन्हीं लोगों ने उसका अन्तिम संस्कार बिना बताए कर दिया गया । शिकायत मिलने पर पुलिस
ने 8 अगस्त को मामले की विभिन्न धाराओ के अंतर्गत शिकायत दर्ज कर कारवाई करते हुए
आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है ।
प्राप्त जानकारी
के अनुसार घटना 2 अगस्त की रात की है। मृतका के 15 साल के बेटे कालूराम ने बताया
कि रात के 11 बजे थे। हम आंगन में सो रहे थे। तभी वो लोग आए और मां को चोटी पकड़कर
घसीटने लगे। मां चिल्लाई तो लोहे की चेन से मारना शुरू कर दिया। कहा – चलानिया भैरूजी का भाव आया है,
तू डाकन (डायन) है। मैं
रोने लगा तो मुझे एक कमरे में बंद कर दिया। मां चीखती रही। कभी हाथों में अंगारे
रख दिए, कभी आग पर बिठा दिया। मैं चाहता हूं कि मेरी मां को मारने
वाले लोगों को कड़ी सजा मिले।
शाहपुरा निवासी और
मृतका के रिश्तेदार महादेव रैगर ने चाइल्ड लाइन अजमेर को सूचित कर पूरे मामले से
अवगत कराते हुए बताया कि मृतक महिला के बेटे के साथ भी कोई वारदात हो सकती है। उसके
बाद चाइल्डलाइन द्वारा पुलिस थाना केकडी में महादेव रैगर के नाम से एक रिपोर्ट दी
गई।
मृतका के रिश्तेदार
महादेव रैगर के अनुसार हाल ही में कन्यादेवी के पति की मौत हुई थी, उसके पति की
मौत क्या हुई, परिवार के लोग ही जान के दुश्मन बन गए। उसे
डायन बता दिया। फिर शुरू हुआ अमानवीय यातनाओं का दौर। ये लोग डायन बताकर पहले तो
कन्या देवी के साथ झाड़-फूंक करते रहे, फिर अमानवीय यातनाएं देने
लगे। घटना के दौरान महिला के बेटे और उसके परिवार के अन्य सदस्यों को कमरे में कैद
कर दिया गया था। दूसरी ओर, कन्या देवी के रिश्तेदार महादेव रैगर ने आरोप
लगाया कि पुलिस ने भी मामले में बहुत धीमे कार्रवाई की है। ऐसे संवेदनशील मामले
में भी पुलिस की लापरवाही एक प्रश्न वाचक चिन्ह खड़ा करती है । क्या पुलिस का
खुफिया तंत्र या सूचना विभाग इतना कमजोर है कि क्षेत्र में इतनी बड़ी घटना होने के
बावजूद भी पुलिस को इसकी जानकारी नहीं मिली । यह बेहद ही सोचनीय विषय है ।
अजमेर पुलिस के
एसपी राजेंद्र सिंह ने कहा, “महिला को बहुत बरी तरह प्रताड़ित किया गया था।
आरोपियों ने महिला को जलाने, मारने, मल खिलाने की बात को
कुबूल लिया है। मामले में 6 आरोपी हैं जिनमें से 5 के खिलाफ हत्या और राजस्थान
डायन प्रताड़ना निवारण ऐक्ट, 2015(Rajasthan Prevention of Witch Hunting Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है।” आरोपियों में कन्या देवी की भतिजी पिंकी, भतीजा महावीर और पड़ोसी
सोनिया का भी नाम है।
कार्यकर्ता तारा
आहलूवालिया ने कहा कि इस मामले में हत्या की वजह संपत्ति विवाद हो सकता है क्योंकि
हाली ही में कन्या देवी के पति की मृत्यु हो गई थी और उसके रिश्तेदारों ने उसकी
जमीन कब्जाने के लिए उसकी डायन बताकर हत्या कर दी। 8 अगस्त को पुलिस ने कन्या देवी
की 23 वर्षीय बेटी माया देवी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की। एफआईआर आईपीसी की धारा
302, 201 और राजस्थान डायन प्रताड़ना निवारण ऐक्ट, 2015 की धारा 3, 4 और 7 के तहत दर्ज की गई है।
ज्योति विकास
संस्थान ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की
मांग की है। संस्थान के पदाधिकारी जयपुर में महिला आयोग राजस्थान, अनुसूचित जाति आयोग, राजस्थान मानवाधिकार आयोग राजस्थान ,राजस्थान की महिला मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को ज्ञापन प्रस्तुत कर मामले की
निष्पक्ष जांच कराने की मांग करता है, और भविष्य में ऐसी घटनाओं की दुबारा
पुनरावृति नहीं हो इसके लिए ठोस कदम उठाने की मांग करता है ।
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